Tuesday, April 12, 2016

महिला द्वारा पति व ससुराल पर अत्याचार का झूठा मामला बन सकता है तलाक का आधार: हाई कोर्ट

बम्बई उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि किसी महिला द्वारा अपने पति तथा ससुराल के लोगों पर अत्याचार का झूठा मामला दर्ज कराना भी तलाक का आधार बन सकता है। अदालत की पीठ ने हाल में एक मामले में तलाक मंजूर करते हुए कहा हमारी नजर में एक झूठे मामले में पति और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी से हुई उनकी बेइज्जती और तकलीफ मानसिक प्रताड़ना देने के समान है और पति सिर्फ इसी आधार पर तलाक की माँग कर सकता है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एपी देशपांडे तथा न्यायमूर्ति आरपी सोंदुरबलदोता की पीठ ने पारिवारिक अदालत के उस फैसले से असहमति जाहिर की, जिसमें पत्नी द्वारा पति तथा उसके परिजनों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज करवाना उस महिला के गलत आरोप लगाने की आदत की तरफ इशारा नहीं करता।

 पीठ ने कहा हम पारिवारिक अदालत की उस मान्यता सम्बन्धी तर्क को नहीं समझ पा रहे हैं कि सिर्फ एक शिकायत के आधार पर पति और उसके परिवार के लोगों की गिरफ्तारी से उन्हें हुई शर्मिंदगी और पीड़ा को मानसिक प्रताड़ना नहीं माना जा सकता। यह बेबुनियाद बात है कि मानसिक प्रताड़ना के लिए एक से ज्यादा शिकायतें दर्ज होना जरूरी है। यह मामला आठ मार्च 2001 को वैवाहिक बंधन में बँधे पुणे के एक दम्पति से जुड़ा है। पति ने आरोप लगाया था कि शादी की रात से ही उसकी पत्नी ने यह कहना शुरू कर दिया था कि उसके साथ छल हुआ है, क्योंकि उसे विश्वास दिलाया गया था कि वह मोटी तनख्वाह पाता है। पति का आरोप है कि उसकी पत्नी ने उसके तथा अपनी सास के खिलाफ क्रूरता का मुकदमा दायर किया था। बहरहाल, निचली अदालत ने सुबूतों के अभाव में दोनों लोगों को आरोपों से बरी कर दिया था। उसके बाद पति ने पारिवारिक अदालत में तलाक की अर्जी दी थी, लेकिन उस अदालत ने कहा कि पत्नी द्वारा एकमात्र शिकायत दर्ज कराने का यह मतलब नहीं है कि उसे झूठे मामले दायर कराने की आदत है। अदालत ने कहा था कि महज इस आधार पर तलाक नहीं लिया जा सकता। बहरहाल, बाद में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले से असहमति जाहिर की।

4 comments:

  1. Kyu nahi aadmi ki liye kanun banta .aaj ki date me sab jante hai 75% orat galat hai .m bhi eaka he sakar hu .m kya kru mere pass ab Marne ki sewa kuch nahi bacha meri patni me mera ghir barbaad kar diya . meri father cancer ki paisent WO ghir ko nahi dekti or mere maa baap ko bhi nahi dekti or jhuta jhuta iljaam lagati hai m police me bh complete kra .but last me muje he galat bnaya police ne m 3 yrs se ye problem face kar raha hu WO 9 .ya 10 bje utti hai bache ko nahi dekti mere maa baap ko ulta bolti hai .har chej me lalach karna apane maa ki baat sunna mere ghir walo ko har time police ki dhamki dena .m kya kru koi to rule hoga nahi to mera bacha aanath ho jayega or mere maa baap muje kho denge .

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